उत्तर्काशी। पत्रकार राजीव प्रताप की मौत के मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने अपनी प्रारंभिक जांच में इसे सड़क हादसा बताया है, जबकि परिवार अब भी घटना में संदिग्ध परिस्थितियों की बात कह रहा है।
घटना का विवरण
आईआईएमसी के पूर्व छात्र और डिजिटल पत्रकार राजीव प्रताप 18 सितंबर की रात से लापता थे। उनकी कार 28 सितंबर को भागीरथी नदी के किनारे जोशियाड़ा बैराज के पास बरामद की गई। पुलिस के अनुसार, वाहन के चारों दरवाजे अंदर से लॉक थे, खिड़कियां बंद थीं और चाबी इग्निशन में ही पाई गई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
पोस्टमॉर्टम में छाती और पेट में अंदरूनी चोटें पाई गईं, लेकिन बाहरी चोट या मारपीट के स्पष्ट निशान नहीं मिले। जांच टीम का कहना है कि प्रारंभिक साक्ष्य कार दुर्घटना की ओर संकेत करते हैं।
(स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया, 2 अक्टूबर 2025)
एसआईटी की जांच और बयान
एसआईटी की रिपोर्ट के अनुसार, राजीव प्रताप ने घटना की रात एक पुलिस हेड कांस्टेबल सोबन सिंह के साथ शराब पी थी। इसके बाद वे रात में अकेले कार से निकले। सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान इसी दिशा में जांच को मजबूत करते हैं।
(स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस, 2 अक्टूबर 2025)
परिवार की आपत्तियां
राजीव प्रताप के परिवार ने इस निष्कर्ष को अस्वीकार किया है। परिजनों का कहना है कि घटना से पहले उन्हें अज्ञात व्यक्तियों से “वीडियो डिलीट करने” की धमकियां मिली थीं। परिवार का दावा है कि मौत की परिस्थितियां संदिग्ध हैं और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
(स्रोत: इंडिया टुडे, 2 अक्टूबर 2025)
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। राज्य सरकार की ओर से अभी इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
(स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया, 3 अक्टूबर 2025)
वर्तमान स्थिति
मामले की जांच फिलहाल एसआईटी कर रही है। पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया गया है।
(स्रोत: एनडीटीवी, 2 अक्टूबर 2025)