पौड़ी (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के पौड़ी जिला अस्पताल में बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण डॉक्टरों को मोबाइल की फ्लैशलाइट की रोशनी में घायलों का उपचार करना पड़ा। यह घटना उस समय हुई जब अस्पताल में एक सड़क दुर्घटना के घायलों को लाया गया था। बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण जनरेटर तुरंत चालू नहीं हो सका और डॉक्टरों को मजबूरन मोबाइल टॉर्च का सहारा लेना पड़ा।
घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें डॉक्टरों को अंधेरे में मोबाइल की रोशनी जलाकर मरीजों की ड्रेसिंग करते हुए देखा जा सकता है। यह घटना हाल ही में पौड़ी बस हादसे के बाद सामने आई, जिसमें कई यात्री घायल हुए थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, बिजली लाइन फेल होने की वजह से अस्पताल की मुख्य सप्लाई बंद हो गई थी। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उस वक्त जनरेटर में तकनीकी दिक्कत आने के कारण बैकअप बिजली व्यवस्था तुरंत चालू नहीं की जा सकी। हालांकि कुछ ही देर में बिजली बहाल कर दी गई।
अस्पताल प्रबंधन ने स्वीकार किया कि घटना से आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुईं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. (नाम उपलब्ध नहीं) ने कहा कि “घटना के समय बिजली आपूर्ति बाधित थी, लेकिन डॉक्टरों ने बिना देरी किए मरीजों का उपचार शुरू किया। जनरेटर में आई तकनीकी खराबी अब ठीक कर ली गई है।”
यह घटना सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। नागरिकों और राजनीतिक दलों ने कहा है कि जिला अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण संस्थान में बैकअप व्यवस्था हमेशा कार्यशील रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान लिया और स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब की। बताया गया है कि राज्य सरकार ने अस्पताल की आपात बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं।