अल्मोड़ा। धारानौला और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का कारण बनी मादा तेंदुआ आखिरकार 12 दिन बाद वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गई। वन विभाग ने सोमवार सुबह न्यू कॉलोनी धारानौला में लगाए गए पिंजरे से तेंदुए को रेस्क्यू किया। अधिकारियों के अनुसार तेंदुए की उम्र करीब चार से पांच साल है। उसे दो-तीन दिन तक रेस्क्यू सेंटर में पशु चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा, इसके बाद सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा।
बीते 12 दिनों से नगर के नंदा देवी (Nanda Devi Almora), चीनाखान, धारानौला और गोपालधारा क्षेत्रों में तेंदुए की सक्रियता से लोग दहशत में थे। सीसीटीवी फुटेज में भी तेंदुआ कई बार घरों के आंगन में दिखाई दिया था, जिसके चलते लोग शाम ढलते ही घरों में दुबकने को मजबूर थे।
वन विभाग ने लोगों की शिकायत पर गश्त बढ़ाई और ट्रैप कैमरे लगाए। अंततः सोमवार को तेंदुआ पिंजरे में फंस गया।
अन्य वार्डों में भी दहशत, डीएफओ से पिंजरे की मांग
धारानौला में तेंदुए की पकड़ के बाद भी नगर के अन्य हिस्सों में खतरा बना हुआ है। राजपुरा, डुबकिया और रामशीला वार्ड में तेंदुए देखे जाने से लोगों में दहशत है। सोमवार को इन वार्डों के पार्षद—डुबकिया से अंजू बिष्ट, राजपुरा से विकास कुमार और रामशीला से नवीन कुमार—ने डीएफओ दीपक सिंह को ज्ञापन सौंपकर तत्काल पिंजरा लगाने की मांग की।
पार्षदों ने कहा कि नवरात्र और रामलीला के दौरान रात्रि समय लोगों की आवाजाही अधिक रहती है, ऐसे में तेंदुए की सक्रियता किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
ज्ञापन देने वालों में राकेश बिष्ट सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।