अल्मोड़ा। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशभर के 50 प्रमुख बाजारों के कायाकल्प की योजना बनाई है, जिसमें अल्मोड़ा का प्रसिद्ध पटाल बाजार भी शामिल है। इस योजना का उद्देश्य स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देना और पर्यटन को आकर्षित करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएँ:
- पारंपरिक डिज़ाइन का समावेश: बाजार में पारंपरिक पत्थर की दीवारें, भूमिगत तार, बेहतर जल निकासी, और आग सुरक्षा के उपाय जैसे फायर हाइड्रेंट्स लगाए जाएंगे।
- प्रारंभिक चरण में चयन: अल्मोड़ा का पटाल बाजार पहले चरण में चयनित बाजारों में शामिल है।
- अनुमानित लागत: प्रत्येक बाजार के कायाकल्प की अनुमानित लागत ₹5 से ₹7 करोड़ के बीच है।
पटाल बाजार का ऐतिहासिक महत्व:
पटाल बाजार अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। पहले यहां पारंपरिक ‘पटाल’ पत्थर बिछाए जाते थे, लेकिन 2004 में इन्हें हटाकर कोटा स्टोन लगा दिया गया था, जिससे बाजार की पहचान प्रभावित हुई। अब पुनः पारंपरिक ‘पटाल’ पत्थर लगाने की योजना है।
योजना की स्थिति:
सितंबर 2025 तक, योजना के लिए धन स्वीकृत किया जा चुका है। हालांकि, पटाल बाजार के लिए निर्माण कार्य की शुरुआत की तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है।
सम्बंधित योजनाएँ:
अल्मोड़ा में मल्ला महल को भी धरोहर संग्रहालय के रूप में पुनर्निर्मित किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा।
अगले कदम:
जल्द ही निर्माण कार्य की तिथि और विस्तृत योजना की घोषणा की जाएगी। स्थानीय व्यापारियों और निवासियों से सुझाव और सहयोग लिया जाएगा।
निष्कर्ष:
पटाल बाजार का पुनर्निर्माण योजना न केवल बाजार की सुंदरता और संरचना को बेहतर बनाएगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगी। यह योजना अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।