Kwarab Road पर बढ़ता खतरा: पैदल जा रही शिक्षिकाएँ गिरते पत्थरों से बाल-बाल बचीं

अल्मोड़ा की क्वारब रोड पर आज बड़ा हादसा टल गया। स्कूल जा रही दो शिक्षिकाएँ गिरते पत्थरों की चपेट में आने से बचीं। ग्रामीणों ने घटना का वीडियो बनाया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल है।

अल्मोड़ा। क्वारब रोड एक बार फिर सुर्खियों में है। शुक्रवार को क्वारब से पैदल स्कूल जा रही दो शिक्षिकाएँ ऊपर से गिरते पत्थरों की चपेट में आते-आते बचीं। यह हादसा चंद सेकंड में बड़ा हादसा बन सकता था, लेकिन सौभाग्य से दोनों सुरक्षित रहीं। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया, जो अब वायरल हो रहा है।

लगातार खतरे का क्षेत्र बना क्वारब

स्थानीय लोगों का कहना है कि क्वारब क्षेत्र में हर रोज पत्थर और मलबा गिरने से आवाजाही खतरनाक बनी हुई है। बरसात के दौरान स्थिति और गंभीर हो जाती है। कई बार हाईवे पर घंटों तक जाम लग जाता है, तो कभी प्रशासन को सड़क पूरी तरह बंद करनी पड़ती है। पिछले दिनों ही भारी मलबे के चलते अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे 12 घंटे तक बंद रहा था।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर सवाल

स्थानीय जनता आरोप लगा रही है कि नेताओं के भाषणों में “मातृशक्ति” का ज़िक्र तो खूब होता है, लेकिन उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। जनता पूछ रही है—क्या कभी उनसे पूछा गया कि उनके लिए क्वारब की समस्या कितनी गंभीर है?

विशेषज्ञों की राय: स्थायी समाधान ज़रूरी

सड़क विशेषज्ञों का मानना है कि क्वारब जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में केवल अस्थायी मलबा हटाने से समस्या खत्म नहीं होगी। यहाँ रॉक-फॉल बैरियर, स्टील नेटिंग, रिटेनिंग वॉल और ड्रेनेज सिस्टम की तत्काल आवश्यकता है। साथ ही, 24×7 मॉनिटरिंग और चेतावनी संकेत लगाने से दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।

जनता की मांग

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल सुरक्षा का नहीं बल्कि संवेदनशीलता का भी सवाल है। रोजाना खतरों से गुजरना उनकी मजबूरी है, लेकिन जिम्मेदारों की चुप्पी अब असहनीय हो रही है। वे चाहते हैं कि इस बार क्वारब की समस्या को “मामूली” बताकर टालने की बजाय इसे गंभीरता से लिया जाए और स्थायी समाधान निकाला जाए।

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